अनुज के साथ अनुपमा के रिश्ते में सुधार होने लगता है, जिससे उसके जीवन में खुशियाँ वापस आ जाती हैं।

अनुपमा की ख़ुशी:

नन्ही अनु को उसकी दादी मालती देवी मिल जाती है।

नन्ही अनु की खोज:

कपाड़िया हाउस में खुशियां लौट आईं, जिससे अनुपमा की आंखों में खुशी के आंसू आ गए।

खुशियों की वापसी:

वनराज के लिए शाह परिवार एक बार फिर एकजुट हो गया, और साथ मिलकर नवरात्रि मनाने का फैसला किया।

पारिवारिक एकता:

मालती देवी छोटी अनु को नृत्य सिखाती हैं और उसके और उसके पिता के लिए हमेशा मौजूद रहने का वादा करती हैं।

मालती देवी के प्रयास:

अनुज अनुपमा से उनके रिश्ते के बारे में सवाल करता है और उससे माफी की इच्छा व्यक्त करता है।

अनुज के सवाल:

अनुपमा अनुज के लिए अपनी भावनाओं से संघर्ष करती है, उसे माफ करने के लिए समय मांगती है।

अनुपमा का संघर्ष:

अनुज की मौत का जिक्र करने के बाद अनुपमा को उसे खोने का डर है।

अनुपमा का डर:

कपाड़िया हाउस पहुंचने पर, अनुपमा को उस लड़के से मिलकर बेहद खुशी का अनुभव होता है, जिसे समर की आंखें मिली थीं।

अनुपमा की खुशी:

इस बीच, वनराज की तबीयत ठीक नहीं है और काव्या सभी से उसके साथ धैर्य रखने के लिए कहती है।

वनराज की हालत: