अनुज अनुपमा को सांत्वना देता है, हमेशा उसके साथ रहने का वादा करता है और न्याय पाने की कसम खाता है, भले ही इसके लिए उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय जाना पड़े।
सुरेश अनुपमा को यह कहकर उकसाता है कि आगामी अदालती मामला सिर्फ एक औपचारिकता है और यह कहकर उसका अपमान करता है कि उसका बेटा उसके पिछले पापों के कारण मर गया है।