समर को न्याय

आखिरकार समर को न्याय मिल गया और उसके हत्यारे को सलाखों के पीछे भेज दिया गया।

अनुपमा अपने पति अनुज कपाड़िया और दोस्त देविका की मदद से समर को न्याय दिलाने में सफल रही है।

अनुपमा की सफलता

अनुपमा की बेटी पाखी परेशान है क्योंकि वह उपेक्षित महसूस करती है।

पाखी का असंतोष

गुरु माँ मालती देवी, अनुज की माँ, पाखी की भावनाओं का शोषण करने की योजना बना रही है।

मालती देवी की योजना

मालती देवी को ईर्ष्या होती है क्योंकि अनुज लगातार अनुपमा के बारे में बात करता है।

मालती देवी की ईर्ष्या

बरखा अनुपमा के प्रति मालती देवी के मन में नफरत भर रही है।

बरखा की भूमिका

मालती देवी का लक्ष्य अनुपमा को अनुज के जीवन और संपत्ति से हटाना है।

मालती देवी का लक्ष्य

उसने अनुपमा के बच्चों को अपने खिलाफ इस्तेमाल किया है और पाखी और देविका का भी इस्तेमाल करने की योजना बना रही है।

मालती देवी की रणनीति

मालती देवी अनुज और अनुपमा के बीच गलतफहमियां पैदा करेगी।

कलह पैदा करना

वह अनुज को विश्वास दिलाएगी कि अनुपमा कभी उसकी नहीं थी और उसे केवल शाह परिवार की परवाह है।

मालती देवी की चालाकी