अनुपमा: पाखी अपने बच्चे की जिद पर अड़ी, परिवार मना रहा है नवरात्रि
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अनुपमा की बहू पाखी और अनुपमा के बेटे परितोष को बच्चा नहीं हो सकता।
पाखी और परितोष: पितृत्व की ओर एक यात्रा":
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अनुपमा ने पाखी को एक बच्चा गोद लेने की सलाह दी, जैसे उसने समर के साथ किया था, जिसकी हाल ही में मृत्यु हो गई।
अनुपमा की सलाह: गोद लेने का आशीर्वाद:
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पाखी ने इनकार कर दिया और अपना जैविक बच्चा चाहती है। वह खून के रिश्तों को अधिक महत्व देती है।
पाखी की इच्छा:
रक्त संबंधों का मूल्य:
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पाखी गर्भावस्था और उसके बदलावों, जैसे बच्चे की हलचल, लालसा आदि का अनुभव करना चाहती है।
पाखी का सपना: गर्भावस्था का अनुभव:
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अनुपमा पाखी से कहती है कि गोद लेना एक आशीर्वाद है, समझौता नहीं। वह समर के प्यार और खुशी की तारीफ करती है।
अनुपमा की बुद्धि: गोद लेना एक आशीर्वाद के रूप में:
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परिवार देवी दुर्गा का त्योहार, नवरात्रि मनाता है। यह भी ग्रीष्म ऋतु का एक पसंदीदा त्यौहार था।
पारिवारिक उत्सव: नवरात्रि की खुशी:
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अनुपमा परिवार को बताती है कि समर की आंखें एक अंधे लड़के लक्ष्य को दान कर दी गई थीं। समर की आंखें लक्ष को देख लेंगी.
समर की विरासत: लक्ष्य को दृष्टि का उपहार:
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परिवार रंगीन कपड़े और आभूषण पहनकर, नवरात्रि के दौरान नृत्य करते हैं। वे संगीत के साथ गाते हैं और ताली बजाते हैं।
नवरात्रि नृत्य: उत्सव में एकजुट परिवार:
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अनुपमा डांस का नेतृत्व करती हैं और सभी को त्योहार का आनंद लेने के लिए कहती हैं। वह कहती है कि समर चाहेगा कि वे खुश रहें।
"अनुपमा लीड्स: डांस इन रिमेंबरेंस ऑफ समर":
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परिवार को समर और उसकी प्रसन्नता याद है। वे उसे अपने बीच महसूस करते हैं और आंसुओं के साथ मुस्कुराते हैं।
समर :आँसू से साथ मुस्कान:
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पाखी की स्वीकृति की आशा: एपिसोड का अंत अनुपमा द्वारा अपने परिवार की भलाई के लिए दुर्गा से प्रार्थना करने के साथ होता है। उसे उम्मीद है कि पाखी गोद लेना स्वीकार कर लेगी।
अनुपमा की प्रार्थना:
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