
Anupama Telly Update 19th July 2023
Anupama Telly Update 19th July 2023:
आखिर मैंने माया की सुनी।अपनी दिल की सुनी और जैसे तैसे करके हवाईजहाज से बाहर आ गयी।बाहर आयी तो मेरे फोन पे बहुत सारे मिस कॉल थे ,आश्रम से।मैंने आश्रम मे फोन लगया तोवो फोन कॉल मेरे लिए सबसे बड़ा इशारा था।मेरी फ्लाइट का उस वक्त मुंबई मे होना छोटी का मुंबई मे आश्रम मे होना। इससे बड़ा इशारा क्या हो सकता था।गुरु माँ से भी बात नहीं की बस वहाँ से निकली और अपनी बेटी के पास पहुँच गयी । माया भी यही चाहती थी।
अनुपमा पिछली बातों को याद कर रही है ।
अनुज- क्या हुआ अनु क्या देख रही हो। अनु किसे देख रही हो तुम ।
फिर ,
अनुपमा-वहाँ माया थी।मुझे दिख रही थी।वो आश्रम मे आप मुझे पूछ रहे थे न क्या देख रही हो माया । मुझे माया दिखाई दे रही थी।
सालों पहले मै इसलिए रुकी थी कि मै पाखी कि माँ बनाने वाली थी।इस बार मै इस लिए रुकी हूँ कि मै अपनी छोटी कि माँ हूँ।
सपनों के टूटने का दुख तब भी था आज भी है। लेकिन मेरे अंदर से तब भी खुश थी और आज भी हूँ। पर अपनी बेटी के साथ सही करने के चक्कर मे आपके के साथ बहुत बड़ी गलती कर दिया गुरु माँ।
विश्वास तोड़ दिया मैंने ,आपको दिया हुआ बचन तोड़ दिया मैंने ।मैंने जो किया है वो माफी के लायक तो नहीं है ।लेकिन फिर भी आपसे हाथ जोड़ के माफी मांगती हूँ।आपने हमेशा मुझे आशीर्वाद दिया है ।
इसीलिये आपको सज़ा देने का भी भी पूरा का पूरा अधिकार है । आपकी दी हुई हर सज़ा सर माथे पे गुरु माँ । मैंने अपनी बात कह दी अब फैसला सुनाने की बारी आपकी है ।
गुरु माँ -गुरु का आशीर्वाद बड़ा होता है तो गुरु का श्राप उससे भी बडा होता है। अनुपमा मैंने तुम्हें बनाया है तो मैं तुम्हें मिटा भी सकती हूँ।मैंने तुम्हें खड़ा किया है तो मै तुम्हें गिरा भी सकती हूँ ।
शिष्या ने गुरु को बर्बाद कर दिया तो अब गुरु की बारी है।उसमे भी मै तुम्हारी गुरु निकलूँगी। तुम सभी लोग मे कोई भी मेरे कहर से तुम्हें नहीं बचा पाएगा । तुम्हारा पति अनुज भी नहीं ।
सोचा था , तुम्हें गुरुकुल सौप कर चैन से मर पाऊँगी।लेकिन अब जब तक ज़िंदा रहूँगी तुम्हें चैन से जीने नहीं दूँगी। इतना बर्बाद कर दूँगी तुम्हें की बर्बादी तुम्हें देख कर थर-थर काँपने लगेगी।माँ की महानता सबने देख ली अब माँ की बर्बादी देखेंगे ।
गुरु माँ वापस चली जाती है ।
अनुज और अनुपमा अपने कमरे मे –
अनुपमा – दर्द तो चला जाएगा ।पर दुख नहीं जाएगा। जब तक गुरु माँ मुझे माफ नहीं कर देती । दुख नहीं जाएगा ।
अनुज – नाराज होना उनका अधिकार है माफी मांगते रहना तुम्हारा अधिकार है।वो आफ्ना अधिकार नहीं छोड़ रही तो तुम भी अपना अधिकार मठ छोड़ो , जब तक वो तुम्हें माफ नहीं करे । माफी मांगती रहो।
नीचे सभी शाह परिवार बातें कर रहे है ।
वनराज – अनुपमा को वापस नहीं आना चाहिए था।गलती कर दी बहुत बड़ी गलती कर दी।मालती देवी उसे कभी नहीं माफ करेगी । वो गरजने वाले बदलो मे से है ही नहीं । वो ऐसा बादल है की जो बरसेगा भी और अनुपमा की सारी खुसियों को बहा कर ले जाएगा । अनुपमा क्यूँ वापस आयी है ।
हशमुख साह – गुरु का श्राप कभी खाली नहीं जाता ।
किंजल – जो श्राप दे वो गुरु कैसा । मम्मी उनकी शिष्य बनी है कोई गुलाम नहीं बनी है । की बात नहीं मानी और थप्पर मार दिया ।
लीला – कुछ भी हो गुरु का श्राप तो लगेगा ही लगेगा।
काव्या – अरे ये कोई ऋषि मुनि का बात थोड़े ही है की श्राप लगता है तो लगता है । समर का फोन आया था मैंने कुछ बताया नहीं उसे ।
परितोश- मै तुमसे सहमत हूँ किंजल । मालती देवी कुछ ज्यादा ही ओवर रिएक्ट कर रही है ।
नंदनी – उनका नुकसान हुआ है तोशू भाई ।
परितोश- अनुज जी नुकसान भर देंगे । एक्सट्रा भी भर देंगे । लेकिन मम्मी को थप्पर मारने की क्या जरूरत थी । नुकसान सिर्फ पैसे का नहीं होता। नाम ख़राब हुआ है। इतने बड़े आर्टिस्ट का जब इवैंट कैंसिल होता है न तो बहुत बड़ी बात होती है । और जब फिर मम्मी ने अपनी गलती एक्सैप्ट कर ली है । तो आप क्यू सफाई दे रहे है ।
वनराज – जब अनुपमा को पता था , वो गलती कर रही है । तो फिर उसने गलती क्यूँ की ।
काव्या – अरे तो फिर क्या करती अनुपमा। अपनी बच्ची को छोड़ देती क्या ।
वनराज -काव्या दुनिया मे लाखों बच्चे है जो बिना माँ के होते है । वो भी पलते ही है । और हम सब मिलकर छोटी को संभाल लेते ।
किंजल – मुझे तो ये समझ नहीं आ रहा है की फैमली और करियर मे से किसी एक को चुनने की बात ही कहा से आ गयी । अनुज जी ओर छोटी अनु मम्मी के साथ अमेरिका जा सकते थे न ।
वनराज – अरे तीन साल रहकर भी एक साथ नहीं रह पाते इतनी जिम्मेवारिया है अनुपमा के उपर । और कोई इतना बड़ा बिजनेस छोड़ कर चला जाए ये कोई मज़ाक थोरे न है ।
परितोश- अनुज जी के लिए तो है । जब माया के लिए मुंबई जा सकते है तो मम्मी के पीछे अमेरिका क्यूं नहीं ।
हशमुख शाह -बस अब तूम लोग वापस मे लड़ना सुरू मत करो जो भी है । अनुपमा ने अपनी दिल की सुन ली । दिल की सुनना गलत नहीं है ।
वनराज – अरे सवाल ये नहीं है तोशू की अनुपमा ने क्या किया । सवाल ये है की अब मालती देवी क्या करेगी ।
लीला – अनुपमा ने गलत किया या सही किया ये बात नहीं मालती देवी तो अब गलत ही करेगी।
वनराज – पर अब वो जो कुछ भी करेगी न उसका सीधा असर हमसब पर होगा।
लीला – हमारा क्या लेना देना हाँ । जो भी हुआ है वो अनुपमा और मालती देवी के बीच हुआ है । हम कहाँ बीच मे आए।
किंजल- मेरे विचार से पापा का डर सही है। मालती देवी का टार्गेट मम्मी है , लेकिन हम सब भी तो मम्मी से कन्नेक्टेड है न। डाइरेक्ट्लि या इंडिरेक्त्ली मालती देवी का रिएक्शन हमे भी इफैक्ट करेंगे ।
परितोष – सही बात है जब मालती देवी अपना तांडव शुरू करेंगी तो ये थोड़े ही न सोचेंगी की उसके बीच मे कौन आ रहा है । और किसका नुकसान हो रहा है।
किंजल – मालती देवी अब किसी को नहीं बकसेगी।
लीला – शुभ शुभ बोल मालती देवी का गुस्सा जल्दी से जल्दी सांत हो जाए। और वो अनुपमा को माफ कर दे ।
किंजल – अगर माफ नहीं किया तो ।
Scene Change- समर और अनुज बातें कर रहे है ।
समर – अनुज को चाय देते हुये । अनु ठीक है।
अनुज – कैसे ठीक होगी भाई । अगर इंसान के दरवाजे पे एक दुख जाए तो इंसान बिखर जाता है।और अनु के दरवाजे पर तो दुखो की बारात आयी हुई है। एक तरफ सपने टूटने का दुख है। दूसरी तरफ माया की मौत
का दुख।और तीसरी तरफ गुरु माँ। उनकी नजारो मे गिरने का गम। इसके बावजूद भी वो अपने बारे मे नहीं सोच नहीं रही है। सिर्फ छोटी के बारे मे सोच रही है ।
समर – मालती देवी का क्या करना है। वो चुप तो नहीं बैठेगी । हो सकता है अनुपमा पे केश भी कर दे।
अनुज – मालती देवी अनुपमा की की गुरु माँ है। मै उनकी रिस्पेक्ट करता हूँ। लेकिन अगर गुरु गलत हो तो शिष्य को बताना पड़ता है। गुरु को जाताना परता है। उनका जो भी नुकसान हुआ है। मै भारपाई कर दूंगा मै हूँ। रही बात उनके एक्शन कि तो उसके लिए भी मै हूँ।अगर वो वार करेंगी तो मै अनु कि ढाल बन कर खड़ा रहूँगा। चाहे कुछ भी हो जाए भाई। मै मालती देवी जी को अनु को एक बाल भी बांका नहीं करने दूंग।
समर- मुझे नहीं लगता कि ऐसा कुछ भी करेंगी।इंसान जब गुस्से मे रहता है तो काफी कुछ कह जाता है।लेकिन जब ठंढा होता शांत होता तब रियलाइज करता है शायद कुछ लगती कर दी हो।वो पक्का अनुपमा को माफ कर देंगी।
अनुज – नहीं भाई मालती देवी माफ करने वालों मे से नहीं है ।वो वार जरूर करेगी । अब ये देखना है कि कैसे ।
Scene Change-मालती देवी का घर
नकुल-अम्मा आप कब तक यहाँ नाराज हो कर बैठी रहेंगी। मै सब कुछ हैंडील कर रह हूँ न। मैंने स्पोंन्सर से भी बात कर ली है वो बाकी के एवेंट्स मे एडजेस्ट कर लेंगे। अम्मा आप बिलकुल चिंता नहीं कीजिये। मै बड़ा नुकसान नहीं होने दूंगा ।
अनुपमा – बात फायदे और नुकसान से बहुत आगे बढ़ चुकी है नकुल। बात विश्वासघात कि है । नृत्य के अपमान कि है। गुरु से धोखे कि है ।
नकुल – अम्मा मै आपके जितना समझदार तो नहीं हूँ लेकिन बचपन से यही सुनता आ रहा हूँ कि गलतिया करना बच्चो का काम है उसे माफ कर देना बड़ो का। और अनुपमा ने तो कोई गलती भी नहीं कि है। उसकी मजबूरी थी।
मालती- उसकी गैरजिम्मेदारी को मजबूरी का नाम मत दो नकुल ।
नकुल – गैरजिम्मेदारी ही सही लेकिन क्या वो इतनी बड़ी गलती थी।
मालती देवी -अगर मै गलत लगती हूँ नकुल तो तुम भी मुझे छोड़ कर जा सकते हो।मालती देवी को ना किसी कि जरूरत कल थी न आज। मेरे लिए मेरी हिम्मत और सर पे नटराज का हाथ ही काफी है।
नकुल – माँ आपको छोड़ कर मै कहा जाऊंगा। आपके आलवा मेरा है ही कौन। मेरी माँ मेरी गुरु,मेरा परिवार सब आप ही तो हैं।और ऐसे गुस्सा करके सबसे ज्यादा अपने आप को परेशान करेंगी ।
मालती – सही कहा मुझे खुद तो तकलीफ देने कि कोई जरूरत नहीं है। तकलीफ तो अब अनुपमा को होगी। उसे अपने माँ होने पर बहुत गुरूर है न । उसको लगता है उसका माँ होना सबसे बड़ी ताकत है। लेकिन वो उसकी
सबसे बड़ी कमजोरी है।और उसी कमजोरी पर मै वार करूंगी।

Image: Anupama Episode S1E987 Hotstar
Scene Change-
अनुपमा पुजा कर रही ओर ये गाना भी गा रही है ।
मन बसिया ओ कान्हा रंग रसिया ओ कान्हा पवन प्रभाती जग को जगाती भंवरे भी करते
है गूंजन पंख पसारे ऊडे पखेरू सिंदूरी सिंदूरी आंगन मंगल मंगल बेला मंगल सौरभ
सौरभ सारा भुवन ईन चरनोमें फूल चडाने आई तेरी राधा मोहन मन बसिया ओ कान्हा रंग
मन बसिया ओ कान्हा रंग रसिया ओ कान्हा पवन प्रभाती जग को जगाती भंवरे भी करते।
अनुपमा भगवान से –
आपने मेरे सामने दो ही रास्तें खोले थे। एक जो संसार की तरफ जाता था। मेरी सपनों की तरफ । और दूसरा जो मेरे परिवार की तरफ आता था। मैंने परिवार वाला रास्ता चुना।क्यूँ की मेरे लिए तो रास्ता वही है ,जिसपे मै अपने रिश्ते के साथ चल सकूँ । जिस पर चलते चलते पैर भले ही थक जाए। लेकिन मन कभी न थके।और मुझे गर्भ है की मैंने ये रास्ता चुना। बस अब मुझे शक्ति दीजिएगा , ताकत दीजिएगा की मै इस रास्ते पर चल सकूँ।और माया से किया हुआ वादा पूरी ईमानदारी के साथ निभा पाऊँ। माया की आत्मा को शांति दीजिएगा। मुझे शक्ति दीजिएगा । और मेरी छोटी को थोड़ा ज्यादा ख्याल रखिएगा।और मेरे गुरु माँ को सुकून दीजिएगा।
Scene Change-माया के फोटो के पास जाकर
अनुपमा – मुझे खबर है की तुम जानती हो की मेरे आने से तुम्हारी बेटी कितनी खुश है। मै भी जाती हूँ । तुम्हारे जाने का दुख मेरे बेटी के मन मे घर कर गया है । लेकिन मै वादा करती हूँ उसे इस दुख से बहुत जल्द
बाहर खिच लाऊँगी। तुम चिंता मत करना और हाँ आज हमने उसके लिए प्लान किया है।
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